आज मैं आपको अपने इस पोस्ट में आपको बताऊंगा कि ब्रम्हांड की उत्पत्ति कैसे हुई, ब्रम्हांड का विकास कैसे हुआ ?
ब्रम्हांड की उत्पत्ति
आधुनिक समय में ब्रम्हांड की उत्पत्ति का सर्वमान्य सिद्धांत बिग बैंग सिद्धान्त (Big bang theory) है। इसे विस्तारित ब्रम्हांड परिकल्पना (Expanding universe hypothesis) भी कहा जाता है।1920 ईo में एडविन हब्बल ने प्रमाण दिये की ब्रम्हांड का विस्तार हो रहा है। समय बीतने के साथ आकाशगंगाएं एक दूसरे से दूर हो रही हैं। आप प्रयोग कर जान सकते हैं कि ब्रम्हांड विस्तार का क्या अर्थ है। एक गुब्बारा लें और उस पर कुछ निशान लगाएं जिनको आकाशगंगायें मान लें। जब आप इस गुब्बारे को फुलाएंगे, गुब्बारे पर लगे ये निशान गुब्बारे के फैलने के साथ- साथ एक दूसरे से दूर जाते प्रतीत होगा। इसी तरह आकाशगंगाओं के बीच की दूरी भी बढ़ रही है और परिणास्वरूप ब्रम्हांड विस्तारित हो रहा है। यद्यपि आप यह पाएंगें कि गुब्बारे पर लगे चिन्हों के बीच की दूरी के अतिरिक्त, चिन्ह स्वयं ही बढ़ रहे हैं। जबकि यह तथ्य के अनुरूप नहीं है। वैज्ञानिक मानते हैं कि आकाशगंगाओं के बीच की दूरी बढ़ रही है, परन्तु प्रेक्षण के विस्तार को नहीं सिद्ध करते। अतः गुब्बारे का उदाहरण आंशिक रूप से ही मान्य है। बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रम्हांड का विस्तार निम्न प्रकार हुआ है:

- आरंभ में वे सभी पदार्थ, जिनसे ब्रम्हांड बना है, अति छोटे गोलक (एकाकी परमाणु) के रूप में एक ही स्थान पर स्थित थे। जिसका आयतन अत्यधिक सूक्ष्म एवं तापमान तथा घनत्व अनन्त था।
- बिग बैंग की प्रक्रिया में इस अति छोटे गोलक में भीषण विस्फोट हुआ। इस प्रकार की विस्फोट प्रक्रिया से वृहद विस्तार हुआ। वैज्ञानिकों का विश्वास है कि बिग बैंग की घटना आज से 13.7 अरब वर्षों पहले हुई थी। ब्रम्हांड का विस्तार आज भी जारी है। विस्तार के कारण कुछ ऊर्जा पदार्थ में परिवर्तित हो गई। विस्फोट (Bang) के बाद एक सेकंड के अल्पांश के अंतर्गत ही वृहद विस्तार हुआ। इसके बाद विस्तार की गति धीमी पढ़ गई। बिग बैंग होने के आरम्भिक तीन मिनट के अन्तर्गत ही पहले परमाणु का निर्माण हुआ।
- बिग बैंग से 3 लाख वर्षों के दौरान, तापमान 4500° केल्विन तक गिर गया और परमाणवीय पदार्थ का निर्माण हुआ। ब्रम्हांड पारदर्शी हो गया। ब्रम्हांड के विस्तार का अर्थ है आकाशगंगाओं के बीच की दूरी में विस्तार का होना। हॉयल (Hoyle) ने इसका विकल्प [स्थिर अवस्था संकल्पना] के नाम से प्रयुक्त किया। इस संकल्पना के अनुसार ब्रम्हांड किसी भी समय में एक ही जैसा रहता है। यद्यपि ब्रम्हांड के विस्तार सम्बन्धी अनेक प्रमाणों के मिलने पर वैज्ञानिक समुदाय अब ब्रम्हांड विस्तार सिद्धान्त के पक्षधर हैं।
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