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//ee ▁ ▂ ▄⍟☆⍣ Happy Raksha Bandhan ⍣☆⍟▄ ▂ ▁ ▁ ▂ ▄⍟☆⍣ Happy Raksha Bandhan ⍣☆⍟▄ ▂ ▁ चन्दन का टीका रेशम का धागा, सावन की सुगंध बारिश की फुहार! भाई की उम्मीद बहना का प्यार, मुबारक हो आपको “रक्षा बंधन” का त्यौहार!! चंदन की लकड़ी फूलों का हार अगस्त का महीना सावन की फुहार भैया की कलाई बहन का प्यार मुबारक हो आपको रक्षाबंधन का त्योहार Happy Raksha Bandhan ...

सौरमंडल( रोचक तथ्य)

सौरमंडल (रोचक तथ्य)

 हैलो दोस्तो आज मैं आपको इस पोस्ट में आपको सौरमंडल के बारे में बताने वाला हूं तो दोस्तों आज की पोस्ट में हम जानेंगे कि सौरमंडल का विकास कैसे हुआ? 


सौरमंडल

हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। नीहारिका को सौरमंडल का जनक माना जाता है और उसके ध्वस्त होने व क्रोड के बनने की शुरुआत लगभग 5 से 5.6 अरब वर्षों पहले हुई व ग्रह लगभग 4.6 से 4.56 अरब वर्षों पहले बने। हमारे सौरमंडल में सूर्य (तारा),8 ग्रह,63 उपग्रह लाखों छोटे पिंड जैसे- क्षुद्र ग्रह (ग्रहों के टुकड़े)(Asteroids), धूमकेतु ( Comets) एवं वृहत् मात्रा में धूलिकण व गैस हैं।

इन आठ ग्रहों में बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल भीतरी ग्रह ( Inner plannet's) कहलाते हैं। पहले चार ग्रह पार्थिव (Terrestrial) ग्रह भी कहे जाते हैं। इसका अर्थ है कि ये ग्रह भी पृथ्वी की भांति शैलों और धातुओं से बने हैं और अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले हैं। अन्य चार ग्रह गैस से बने विशाल ग्रह या जोवियन (jovion) ग्रह कहलाते हैं। जोवियन का अर्थ है बृहस्पति (Jupiter) की तरह। इनमें से अधिकतर पार्थिव ग्रहों से विशाल हैं और हाइड्रोजन व हीलियम से बना सघन वायुमंडल है। सभी ग्रहों का निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्षों पहले एक ही समय में हुआ।
अभी तक प्लूटो को भी एक ग्रह माना जाता था। परन्तु अंतरराष्ट्रीय खगोलकी संगठन ने अपनी बैठक ( अगस्त 2006) में यह निर्णय लिया कि कुछ समय पहले खोजे गए अन्य खगोलीय पिंड (2003 UB313) तथा प्लूटो बोने ग्रह कहे जा सकते हैं।
हमारे सौरमंडल से सम्बंधित कुछ तथ्य:-

  • पार्थिव ग्रह जनक तारे के बहुत समीप बने जहां अत्यधिक तापमान के कारण गैसें संघनित नहीं हो पाईं और और घनीभूत भी न हो सकीं। जोवियन ग्रहों की रचना अपेक्षाकृत अधिक दूरी पर हुई।
  • सौर वायु सूर्य के नज़दीक ज्यादा शक्तिशाली थी। अतः पार्थिव ग्रहों से ज्यादा मात्रा में गैस व धूलकण उड़ा लेग। सौरपवन इतनी शक्तिशाली न होने के कारण जोवियन ग्रहों से गैसों को नहीं हटा पाईं।
  • पार्थिव ग्रहों के छोटे होने से इनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी कम रही जिसके परिामस्वरूप इनसे निकली हुई गैस इन पर रुक नहीं सकी।

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