सौरमंडल (रोचक तथ्य) हैलो दोस्तो आज मैं आपको इस पोस्ट में आपको सौरमंडल के बारे में बताने वाला हूं तो दोस्तों आज की पोस्ट में हम जानेंगे कि सौरमंडल का विकास कैसे हुआ? सौरमंडल हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। नीहारिका को सौरमंडल का जनक माना जाता है और उसके ध्वस्त होने व क्रोड के बनने की शुरुआत लगभग 5 से 5.6 अरब वर्षों पहले हुई व ग्रह लगभग 4.6 से 4.56 अरब वर्षों पहले बने। हमारे सौरमंडल में सूर्य (तारा),8 ग्रह,63 उपग्रह लाखों छोटे पिंड जैसे- क्षुद्र ग्रह (ग्रहों के टुकड़े)(Asteroids), धूमकेतु ( Comets) एवं वृहत् मात्रा में धूलिकण व गैस हैं। इन आठ ग्रहों में बुद्ध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल भीतरी ग्रह ( Inner plannet's) कहलाते हैं। पहले चार ग्रह पार्थिव (Terrestrial) ग्रह भी कहे जाते हैं। इसका अर्थ है कि ये ग्रह भी पृथ्वी की भांति शैलों और धातुओं से बने हैं और अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले हैं। अन्य चार ग्रह गैस से बने विशाल ग्रह या जोवियन (jovion) ग्रह कहलाते हैं। जोवियन का अर्थ है बृहस्पति (Jupiter) की तरह। इनमें से अधिकतर पार्थिव ग्रहों से विशाल हैं औ...
दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन में नई रोशनी लाए, बस यही शुभकामना है आपके लिए इस दीपावली में। शुभ दीपावली! ” “इस दिवाली में यही कामना है कि सफलता आपके कदम चूमे और खुशी आपके आसपास हो। माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहे। ” “झिलमिलाते दीपों की रोशनी से प्रकाशित ये दीपावली आपके घर में सुख समृद्धि और आशीर्वाद ले कर आए शुभ दीपावली! ” “ये दिवाली आपके जीवन में खुशियों की बरसात लाए, धन और शौहरत की बौछार करे, दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं शुभेक्षकः— रितेश राजपूत
तारों का निर्माण प्रारम्भिक ब्रम्हांड में ऊर्जा व पदार्थ का वितरण समान नहीं था। घनत्व में आरम्भिक भिन्नता से गुरुत्वाकर्षण बलों में भिन्नता आई, जिसके परिणास्वरूप पदार्थ का एकत्रण हुआ। यही एकत्रण आकाशंगाओं के विकास का आधार बना। एक आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह है। आकाशगंगाओं का विस्तार इतना अधिक होता है कि उनकी दूरी हजारों प्रकाश वर्षों में मापी जाती है। एक अकेली आकाशगंगा का व्यास 80 हजार से 1 लाख 50 हजार प्रकाश वर्ष के बीच हो सकता है। एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचय से होती है जिसे निहारिका (Nebula) कहा गया है। क्रमशः इस बढ़ती हुई निहारिका में गैस के झुंड विकसित हुए। ये झुंड बढ़ते- बढ़ते घने गैसीय पिंड बने, जिनसे तारों का निर्माण हुआ। ऐसा विश्वास किया जाता है कि तारों का निर्माण लगभग 5 से 6 अरब वर्षों पहले हुआ। ग्रहों का निर्माण ग्रहों के विकास की निम्नलखित अवस्थाएं मानी जाती हैं:- तारे निहारिका के अन्दर गैस के गुंथित झुंड हैं। इन गुंथित झुंडों में गुरुत्वाकर्षण बल से गैसीय बादल में क्रोड़ का निर्माण हुआ और इस गैसीय क्र...
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